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Just Hasyam Season V - 2015


आनंदम संस्था की और से सोमवार की साय जहवार रंगमंच पर अायोजित जस्ट हास्यम कार्यक्रम में हास्य कवियो ने श्रोता को खूब गुदगुदाया |लेकिन कवियों ने अपने पुराने और वॉट्सएप्प एवं अन्य सोशल मिडिया पर खूब चले हुए चुटकुलो को भी पेश करने से गुरेज नहीं किया .लखनऊ के प्रदीप चौबे ने आलपिन नाम से दो तीन पंक्तिया सुना कर श्रेताओ की तालिया बटोरी | ऊन्होने सुनाया- शेर -शेरनियों से नहीं डरता क्यो की वह प्यार करता है शादी नहीं करता | कोयल ने कौए से पूछा दादा आपने शादी क्यों नहीं की .कौए ने कहा वैसे ही जिंदगी में काँव -काँव है | चौबे की ये आलपिन भी साहारी गयी . बीवी एक तो जीने नही देती और ऊपर से करवा चौथ रखती है .मरने भी नहीं देती .महिलाओ के अधिक चूड़ी पहनने को लेकर यू टिपणी की -सुहाग के लिए सिर्फ एक चूड़ी काफी है फिर इतनी सारी चुडिया आखिर औरते कितने सुहाग चाहती है लखनऊ के सूर्य कुमार पाण्डे ने मनवीय विसनती को अपने हास्ये का केंद्र बनाकर हसाया | ऊन्होने सुनाया -गोरी के पैगाम का नया नवेला ट्रेंड .एस में एस हस्बेंड का बॉयफ्रेंड् को सेंड | प्रधानमंत्री नरेन्दर मोदी के स्वछता अभियान को ऊन्होने यू दर्शया ,सरपट भावनाए उनको जगा रा हु |मौका दिया है अपने मोदीजी शुक्रिया उसकी गली मैं गुस के झाड़ू लगा रा हु | जयपुर के संपत सरल ने गद्य में अपनी बात रखी | ऊन्होने वे भी क्या दिन थे रचना सुनाकर पुराने दिन की याद ताजा की उस रचना मैं उनकी ये पंक्ति साहारी गयी - पुराने ज़माने मैं मारवाड़ी मैं बोल चाल होती थी | हिंदी तो शहर तक ही सिमित थी अंग्रेजी तो पिने के बाद ही बोली जाती है भारत की आर्थिक स्थिति को प्रकट करते हुये उन्होंने कहा हम भारतीयो को व्यक्ति ही उधार देगा जो पुनर्जन्म मैं विकास हो उदयपुर के राज आजाद शत्रु ने .पयासी कुर्सी मुझे भी दिलवा दो .गणपति बपा मोरिया कविता सुनाई . अजमेर के रासबिहारी गौड़ ने संचालन किया | ऊन्होने मेहमान नवाजी को लेकर अपनी रचना पस्तुत की .प्रारम्भ मैं संस्था के सदस्यो ने कवियो का स्वागत किया | इस अवसर पे संस्था की बेबसाइट का लोकारर्पण किया |